भारतीय संविधान के स्रोत [ Sources of Constitution ]
नमस्कार दोस्तों | naukriname के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है | हम इस आर्टिकल में “भारतीय संविधान के स्रोत “को साधारण शब्दो में समझने का प्रयास करेंगे | यह आर्टिकल मुख्य रूप से आगामी सिविल परीक्षाओ जैसे आईएएस /आईपीएस / पीसीएस को ध्यान में रखकर हमारी टीम द्वारा तैयार किया गया है | तो आइये इस आर्टिकल की शुरुआत करते है |
भारतीय संविधान में आंतरिक एवं बाह्य दोनों स्रोतों का प्रयोग किया गया है | आंतरिक स्रोत से तात्पर्य है की ब्रिटिश शासन काल में जो अधिनियम भारत की शासन ब्यवस्था को चलाने के लिए लाये गए थे उनका प्रयोग किया गया है | तथा बाह्य स्रोत से तात्पर्य है की विभिन्न देशो के संविधान से जो स्रोत लिए गए है उनका प्रयोग किया गया है |इस प्रकार से भारतीय संविधान में आंतरिक तथा बाह्य दोनों प्रकार के स्रोत मौजूद है |
देश / स्रोत |
प्रावधान |
भारत शासन अधिनियम 1935 |
न्यायपालिका की ब्यवस्था , नियंत्रक एवम महालेखापरीक्षक ( अनु 0-148 ), लोक सेवा आयोग का प्रावधान इत्यादि | (भारतीय संविधान में सबसे ज्यादा प्रावधान भारत शासन अधिनियम 1935 से लिया गया है) |
ब्रिटेन |
सरकार का संसदीय स्वरुप , संसदीय विशेषाधिकार (अनु0- 105), विधि का शासन , एकल नागरिकता , मंत्रिमंडल ब्यवस्था | |
संयुक्त राज्य अमेरिका |
मूल अधिकार (अनु0- 12 से 35 तक), न्यायिक पूर्वालोकन (अनु0- 137) , संविधान की सर्वोच्चता , निर्वाचित राष्ट्रपति की ब्यस्था , महाभियोग (अनु0- 61 ) |
कनाडा |
संघात्मक ब्यवस्था , केंद्र एवं राज्य की शक्तियों का विभाजन , अवशिष्ट शक्तियाँ केंद्र के पास |
आयरलैंड |
राज्य के निति – निर्देशक तत्व , राज्य सभा में राष्ट्रपति द्वारा 12 सदस्यों का मनोनय |
दक्षिण अफ्रीका |
संविधान संशोधन ब्यवस्था (अनु0- 368 ) |
फ्रांस |
समानता , स्वंत्रता , बंधुत्व एवं गणतत्र शब्दो का प्रयोग | |
ऑस्ट्रेलिया |
समवर्ती सूची (सातवीं अनुसूची), संयुक्त अधिवेशन (अनु0- 108 ) |
जर्मनी |
आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति की शक्तिया |
रुस |
मौलिक कर्तब्य [ 42 वे संविधान संसोधन 1976 ] |
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